बलरामपुर जिले उतरौला का हाई प्रोफाइल अंतरराष्ट्रीय बहु चर्चित छांगुर उर्फ जलालुद्दीन के भतीजे के अवैध अतिक्रमण पर जल्द ही जिला प्रशासन चलाएगा बुलडोजर:-
बलरामपुर: अवैध धर्मांतरण और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के सरगना जलालुद्दीन उर्फ छांगुर पर एटीएस का शिकंजा कसता जा रहा है। टीम ने शनिवार को छांगुर के भतीजे सबरोज उर्फ इमरान उर्फ बुद्धू और उसके सहयोगी शहाबुद्दीन निवासी रेहरा माफी, थाना गैडास बुजुर्ग को गिरफ्तार किया है। दोनों छांगुर के इशारे पर आजमगढ़ में धर्मांतरण का कार्य कर रहे थे। इनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज हुई थी। इसके अलावा एटीएस छांगुर गिरोह के अन्य सदस्यों की भी छानबीन कर रही है। छांगुर बाबा और उनकी गर्ल फ्रेंड ,उसका ड्राइवर और लड़का महबूब जेल में हैं लेकिन धर्मांतरण और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के आरोपी छांगुर उर्फ जलालुद्दीन बाबा गिरोह पर प्रशासन की शिकंजा कसता जा रहा है। गिरोह के सक्रिय सदस्य और बाबा के भतीजे सबरोज की अवैध संपत्तियों की जांच बुधवार को राजस्व विभाग की टीम ने किया और जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि सबरोज ने सरकारी नवीन परती भूमि पर अतिक्रमण कर अवैध निर्माण किया है।
पहले मिला था नोटिस, नहीं मानी चेतावनी:-
उपजिलाधिकारी सत्यपाल प्रजापति ने बताया कि सबरोज को पहले ही अतिक्रमण हटाने के लिए नोटिस जारी किया गया था, लेकिन निर्धारित समय सीमा में कोई कार्यवाही नहीं की गई। अब एक बार फिर से अंतिम नोटिस जारी कर चेतावनी दी गई है कि यदि निर्धारित समय में स्वयं अतिक्रमण नहीं हटाया गया, तो प्रशासन सख्त कार्रवाई करते हुए बुलडोजर चलाएगा। विभाग राजस्व पैमाइश में यह पुष्टि हुई कि मकान का कुछ हिस्सा नवीन परती भूमि में स्थित है। प्रशासन के अनुसार, यदि परिजन स्वयं से अतिक्रमण हटाते हैं, तो कुछ राहत दी जा सकती है, अन्यथा नियमानुसार कठोर कार्रवाई सुनिश्चित हैं।
उच्चाधिकारियों को सौंपी जाएगी इस कार्रवाई की रिपोर्ट:-
इस कार्रवाई के दौरान राजस्व निरीक्षक मनोज श्रीवास्तव, लेखपाल शैलेन्द्र पाठक, रत्न भूषण सहित राजस्व विभाग के अन्य कर्मचारी मौजूद रहे। टीम ने सटीक नाप-जोख करते हुए रिपोर्ट तैयार की है, जिसे उच्चाधिकारियों को सौंपा जाएगा। प्रशासनिक जांच और कार्रवाई की सूचना मिलते ही छांगुर बाबा के गिरोह में हड़कंप मच गया है। जिला प्रशासन द्वारा जल्द ही गिरोह के अन्य सदस्यों की संपत्तियों की भी गहन जांच की जा सकती है। प्रशासन की निगाह अब गिरोह से जुड़े अन्य संदिग्ध व्यक्तियों की संपत्तियों और उनके स्रोतों पर टिकी है। जांच एजेंसियां यह भी पता लगाने में जुटी हैं कि उक्त अवैध निर्माण में फंडिंग कहाँ से हुई और इसमें कौन-कौन शामिल था।
ब्यूरो सुशील श्रीवास्तव