बरेली में बारिश सड़कों पर बाढ़ जैसे हालात दिनभर जूझते रहे लोग, दो कांवड़िये बाइक समेत नाले में गिरे…

बरेली में सोमवार को हुई बारिश से शहर के कई इलाकों में जलभराव हो गया, ड्रेनेज सिस्टम फेल होने से नालियां ओवरफ्लो हो गईं, जिससे सड़कों पर बाढ़ जैसे हालात हो गए, शहरवासी दिन भर जलभराव से जूझते रहे लोगः-

बरेलीः सावन के आखिरी सोमवार को भारी बारिश हुई। इससे जल निकासी व्यवस्था चरमरा गई। शहर के ज़्यादातर हिस्सों में लोग जलभराव से जूझते रहे। सड़कों पर बाढ़ जैसे हालात दिखाई दिए।जलभराव के कारण शिवभक्तों का मंदिरों तक पहुँचना मुश्किल हो गया। कई लोग गिर पड़े। कुछ लोगों के वाहन भी बंद हो गए। पशुपतिनाथ मंदिर के पास दो श्रद्धालु बाइक समेत नाले में गिर गए। वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने लोगों की मदद से उसे बाहर निकाला और फिर काफी मशक्कत के बाद उसकी बाइक को नाले से बाहर निकाला गया।

शहर की पॉश कॉलोनियां हों या निचले इलाकों में रहने वाली आबादी, हर कोई जलभराव की समस्या से जूझ रहा है। पिछले दो दिनों से हो रही बारिश के कारण बचे-खुचे नाले भी ओवरफ्लो हो गए हैं। परिणामस्वरूप, मुंशीनगर, जगतपुर, सैलानी, सुरेश शर्मा नगर, चवाई, मलूकनगर और सुभाष नगर सहित शहर के अधिकांश हिस्सों में सोमवार को पूरे दिन जलभराव रहा।

निर्माण कार्य के चलते डीडीपुरम और एकतानगर की हालत हुई खराबः-

सुभाष नगर खन्ना बिल्डिंग के पीछे, सैदुपर हॉकिन्स बालाजी विहार कॉलोनी और जसोली प्राथमिक विद्यालय के आसपास नालियों और सड़कों पर जलभराव के कारण यह पहचानना मुश्किल हो रहा था कि कहां नाली है और कहां सड़क।लोगों के गिरने का ख़तरा बना हुआ था। सीएम ग्रिड के निर्माण कार्य के चलते डीडी पुरम और एकता नगर में हालात ख़राब थे। मढ़ी नाथ, पशुपति नाथ और वनखंडी नाथ मंदिरों के रास्ते जलमग्न हो गए थे। कांवड़ियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा। मटकी चौकी क्षेत्र में साहू गोपीनाथ डिग्री कॉलेज के सामने सड़क पर एक फुट पानी भर गया। सुभाष नगर पुलिया के नीचे पानी का तेज बहाव रहा। डेलापीर में जलभराव के कारण ट्रांसफर स्टेशन का कूड़ा सड़क पर आ गया। झूले लाल द्वार की तरफ़ जलभराव हो गया था। कूड़े और जलभराव के कारण ट्रैफ़िक जाम हो गया। लोग फँस गए।

लालफाटक पुल से उतरते ही बदायूं रोड की तरफ जाने वाली सड़क पर जलभराव के कारण दोपहिया वाहन बंद हो गए। दिन भर यातायात प्रभावित रहा। सैलानी और जगतपुर पानी की टंकी की तरफ जाने वाली सड़क पर जलभराव के कारण लोग दो घंटे तक घरों से बाहर नहीं निकल सके। सुरेश शर्मा नगर रोड पर यातायात प्रभावित हुआ।

अधिकारी कार्ययोजनाएँ बनाते रहे- इसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ाः-

नगर निगम और जल निगम के अधिकारी कागज़ों पर कार्ययोजनाएँ बनाते रहे, इंजीनियर अनुमान तैयार करते रहे और समाधान की उम्मीदें जगाते रहे, लेकिन ज़मीन पर कोई काम नहीं हुआ। लोग इसके दुष्परिणाम भुगत रहे हैं। छोटी विहार में घरों में पानी घुस गया, जबकि क्षेत्र में जलभराव से राहत दिलाने के लिए 64.12 करोड़ रुपये की लागत से नालियों का निर्माण कराने की योजना बनाई गई थी। प्रस्ताव सरकार के पास गए, लेकिन बजट के अभाव में अटक गए। इस स्थिति को देखते हुए नगर निगम ने जलभराव से राहत दिलाने के दावे किए थे लेकिन भारी और लगातार बारिश के कारण मौके पर कोई असर दिखाई नहीं दिया।

इस स्थिति को देखते हुए नगर निगम ने जलभराव से राहत दिलाने के दावे किए थे लेकिन भारी और लगातार बारिश के कारण मौके पर कोई असर दिखाई नहीं दिया। समस्या सिर्फ़ छोटा विहार तक ही सीमित नहीं है। निचले इलाकों में दिन भर जलभराव बना रहा। लोग बेचैनी में जी रहे थे और अपने-अपने तरीक़े से हालात से निपट रहे थे।

जल निगम की कंस्ट्रक्शन एवं डिजाइन डिवीजन के परियोजना प्रबंधक रघुवंश राम ने यह बताया किः-

जल निगम के निर्माण एवं डिजाइन प्रभाग के परियोजना प्रबंधक रघुवंश राम ने बताया कि जल निगम ने नालों के निर्माण के लिए आगणन तैयार कर भेज दिया है। स्वीकृति मिलते ही काम शुरू हो जाएगा। महापौर उमेश गौतम ने बताया कि कुछ निचले इलाकों को छोड़कर ज़्यादातर जगहों से दो घंटे में ही पानी निकल गया। जिन जगहों पर अक्सर जलभराव होता है, वहाँ के लिए समाधान निकाल लिया गया है। कुछ नए नाले बारिश के बाद बनाए जाएँगे और कुछ के लिए ड्रेनेज सिस्टम बनने के बाद काम किया जाएगा।

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