श्री कृष्ण जन्माष्टमी के पावन अवसर पर कुछ पंक्तियाँ – हे मधुसूदन हे बनवारी, जन-जन के हितकारीः-
हे मधुसूदन हे बनवारी
जन-जन के हितकारी ।
हे योगेश्वर श्रीकृष्ण प्रभु
बाधा हरो हमारी ।।
मनहर मोर मुकुट सिर शोभित
मुरली की धुन प्यारी ।
पांव पैजनी कमर करधनी
चंचल चितवन मनहारी ।।
यशोमति के वात्सल्य भाव से
ब्रज के राजदुलारे ।
ग्वाल-बाल संग खेल-खेल में
क्रुर असुर संहारे ।।
श्याम वर्ण तन, रूप सलोना
लीला अद्भुत अविनाशी ।
जन उपकारी मदन मुरारी
घट-घट में तुम वासी ।।
गोवर्धन धारण कर पल में
गर्व इंद्र का चूर किया ।
अनाचार-पाखंड कंस का
जग के हित में दूर किया ।।
गीता का उपदेश जगत में
प्रेरक चेतक हितकारी ।
धर्म प्रवर्तक, संस्कृति रक्षक
मंगलमय गुणकारी ।।
आर सी यादव