आप और बातें और आपकी बातेंः-
आप और आप की बातें
आपके साथ बिताए वो दिन वो रातें
तुम्हीं ले गए थे सितारों से आगे
वो तुम और तुम्हारी बातें
याद आती हैं आप और आपको की बातें ।
दिल को सहलाती वो मखमली सी धूप
मन को सकून देती वो चांदनी रातें
वो तुम और तुम्हारी बातें
याद आती हैं आप और आपकी बाते
वो रूठ जाना, फिर मान जाना
वो तमतमाया मासूम सा चेहरा
रूठने में वो छलकता तुम्हारा प्यार
वो तुम और तुम्हारी बातें।
याद आती है आप और आपकी बातें।
जब छू लिया तुमने यूं ही बेसबब
वो सिरहन वो हसीन अहसास
दिल धड़कने लगा बदहवास
वो तुम और तुम्हारी बातें
याद आती है आप और आपकी बाते।
वो मखमली हाथों का मेरे हाथ से मिलना
मेरे रोम रोम में इक कमल सा खिलना
वो तुम और तुम्हारी बातें
याद आती हैं आप और आपकी की बातें ।
वो जुल्फों बिखर जाना हवा के झोंके से
जुल्फो के बीच तुम्हारा चेहरा
जैसे चांद झांकता है झरोखे से
वो तुम और तुम्हारी बातें
याद आती है आप और आपकी बातें।
कैसे बयां करूं तेरावो सौंदर्य, वो रूप
अप्सरा सा तेरा वो अलौकिक रूप
वो नज़र का अटक जाना
किस्मत से मिलता है एसा महबूब
वो तुम और तुम्हारी बातें
याद आती हैं आप और आपकी बातें ।
साथ रहेगी कयामत
तक तुम्हारी हर बात
गर बेवफाई न कर दे ये जिंदगी
गर नहीं चल सका
इस जन्म साथ
पर ये तय हर जन्म में
रहूंगा तेरे साथ
तेरी याद तेरी बातें हर जन्म में रहेंगी मेरे साथ
तुम और तुम्हारी बातें
याद रहेंगी आप और आपकी की बातें
ओम प्रकाश शर्मा