सरकारी तालाब में शौचालय निर्माण पर ग्रामीणों ने किया विरोध, उल्टा ग्रामीणों पर शांति भंग करने का लगा आरोप..

मसीरा गांव में सरकारी तालाब में शौचालय निर्माण पर ग्रामीणों ने किया विरोध, उल्टा ग्रामीणों पर शांति भंग करने की दर्ज हुई शिकायत।

सूरजपुर जिले के भैयाथान ब्लॉक के अंतर्गत मसीरा गांव से एक चौंकाने वाली तस्वीर सामने आई है। मसीरा गांव के सरकारी तालाब का निर्माण वर्षों पहले जल संधारण योजना के तहत कराया गया था, जिसे हाल ही में गहरीकरण के जरिए पुनर्जीवित करने की कोशिश की जा रही है। एक तरफ सरकारी तालाब को संवारने और उसका गहरीकरण कर जल संरक्षण को बढ़ावा देने की कोशिश की जा रही है, वहीं दूसरी ओर उसी तालाब में गांव के ही एक व्यक्ति द्वारा तालाब के किनारे पर शौचालय और सेप्टिक टैंक बना दिया गया, जिससे न केवल तालाब की शुद्धता पर खतरा है, बल्कि तालाब तक जाने का रास्ता भी बाधित हो गया है।

ग्रामीणों के विरोध करने पर, उल्टा ग्रामीणों पर ही बिना जांच के शांति भंग करने का लगाया आरोप:

ग्रामीणों ने कहा- जब हमने विरोध किया तो उल्टा हमारे ऊपर ही झूठी शिकायत कर दी गई, तालाब का गहरीकरण मवेशियों और आम ग्रामीणों के पेयजल के लिए हो रहा है। लेकिन अब वो तालाब गंदगी का अड्डा बन जाएगा। ग्रामीणों का कहना है कि तालाब में शौचालय और सेप्टिक टैंक बनाए जाने से जल प्रदूषण की समस्या बढ़ेगी और तालाब किसी उपयोग के लायक नहीं रहेगा।

ग्रामीणों ने लगाया आरोप-

 

उनका यह भी आरोप है कि संबंधित जिम्मेदार अधिकारियों ने बिना स्थल जांच किए ही ग्रामीणों पर कार्यवाही कर दी। और हमारे ऊपर ही  बिना जांच के शांति भंग करने का नोटिस थमा दिया गया।

सवाल यह है कि क्या सरकारी संपत्ति पर इस तरह का अतिक्रमण स्वीकार्य है? क्या प्रशासन बिना जांच के ग्रामीणों पर कार्रवाई करता रहेगा? और क्या इस खबर के बाद जिम्मेदार अधिकारी जागेंगे? जवाब तो वक्त देगा, लेकिन सवाल आज खड़े हो गए हैं। देखना होगा कि इस खबर के प्रकाशन के बाद तालाब को अतिक्रमण मुक्त करने की कोई पहल होती है या नहीं।

मसीरा ग्राम, भैयाथान ब्लॉक, सूरजपुर
रिपोर्टर: शशी रंजन सिंह

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