सरगुजा जिले के बतौली गाँव का सबसे बड़ा आयुर्वेदिक अस्पताल खुद हुआ बीमार…

बतौली गाँव का सबसे बड़ा आयुर्वेदिक अस्पताल हुआ दु‌र्व्यवस्था का शिकार:-

बतौली गाँव का सबसे बड़ा आयुर्वेदिक अस्पताल

सरगुजा जिले के बतौली विकासखंड के शासकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय दु‌र्व्यवस्था का शिकार हो गया है। यहां मरीज ही नहीं डाक्टर व कर्मचारियों को भी समस्याएं यहां मरम्मत के अभाव में जर्जर इमारत होने के कारण कर्मचारी हमेशा भयभीत रहते हैं। जानकारी के बाद भी अधिकारी बीमार अस्पताल की ओर ध्यान नहीं देते। थाना रोड मार्ग पर स्थित चिकित्सालय के कैंपस में आयुर्वेदिक अस्पताल बना हुआ है।

जागरूकता के कारण लोग आयुर्वेद की ओर आ रहे हैं, लेकिन आयुष्मान आरोग्य मंदिर पहले जो आयुर्वैदिक डिस्पेंसरी के नाम से जाना जाता था थाना रोड में स्थित है जो पुराने जनपद पंचायत की एक हाल में चल रहा है 2 साल पहले सीजीएमएससी वालों को आयुर्वैदिक डिस्पेंसरी जिसका नाम आयुष्मान आरोग्य मंदिर कर दिया गया है।

पूनम मरकाम फार्मासिस्ट हमेशा रहती है,अनुपस्थित:-

फार्मासिस्ट उनकी छत्तीसगढ़ शासन भारतीय चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद को बढ़ावा देते हुए कई योजनाएं लागू कर रखी है लेकिन ऐसे योजना में कर्मचारियों की वजह से कार्यक्रम सफल नहीं होते है।

संस्था प्रभारी डॉक्टर सारीवान ने बताया कि श्रीमती पूनम मरकाम जो कि अपना मुख्यालय बतौली में नहीं है सीतापुर से रोज आना-जाना करती है हमेशा नदारत रहती है मेरे द्वारा कई बार चेतावनी दी गई है। उनका उस पर कोई असर नही हुआ।

आयुर्वेदिक अस्पताल जर्जर होने के कारण,आने से कतराते हैं मरीज और फार्मासिस्ट स्टाफ:-

आयुर्वेदिक अस्पताल जर्जर होने के कारण उन्होने अपना मुख्यालय बतौली में नहीं रखा है। आयुर्वेदिक अस्पताल की हालत ठीक नहीं है। भवन पूरा जर्जर हो गया है। जगह-जगह छत फटे हुए हैं। दीवारों में दरारें आ गई हैं। थोड़ी सी बारिश होने पर पानी टपकने लगता है। सवाल उठता है कि ऐसी स्थिति में बारिश के मौसम में लोगों के सेहत की जिम्मेदारी अस्पताल कैसे उठाएगा। इसलिए यहां मरीज ही नहीं डॉक्टर व कर्मचारियों को भी समस्याएं यहां मरम्मत के अभाव में जर्जर इमारत होने के कारण कर्मचारी हमेशा यहा आने से कतराते हैं।

चिकित्सालय में कोई भी आवश्यक सुविधाएं नहीं:-

अस्पताल में तमाम परेशानियां हैं। यहां पेयजल, शौचालय जैसी आवश्यक सुविधाएं नहीं हैं। शौचालय लंबे समय से बंद है, जबकि स्वच्छ भारत अभियान के तहत करोड़ों रुपए खर्च कर गांव, कस्बों व शहरों को ओडीएफ किया जा रहा है। लेकिन, पुराना शासकीय आयुर्वेद अस्पताल में सुविधा (शौचालय) नहीं है। शौचालय नहीं होने के कारण स्टाफ व मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

अस्पताल में ब्रांडिंग में पुताई व फर्श में टाइल लगाना पानी की व्यवस्था करना बाउंड्री वॉल की व्यवस्था करना एवं स्वच्छ जल उपलब्ध कराना और टॉयलेट की व्यवस्था करना था लेकिन वहां आज कोई सुविधा नहीं देखी गई। संस्था प्रभारी से पूछे जाने पर उन्होंने बताया यह काम सीजी एमएससी के द्वारा किया जाना था और उसमें आयुर्वेद जिला अधिकारी के निर्देशन में काम किया जाना था। छत्तीसगढ़ शासन के आयुष विभाग में शासन का एक प्रोग्राम है।

सरगुजा जिला
रिपोर्टर -रिंकू सोनी

 

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